Movie/Album: हम आपके हैं कौन (1994)
Music By: राम लक्ष्मण
Lyrics By: रविंदर रावल
Performed By: लता मंगेशकर, एस.पी.बालासुब्रमन्यम
ठंडी ठंडी पुरवैया में उड़ती है चुनरिया
धड़के मोरा जिया रामा बाली है उमरिया
दिल पे, नहीं काबू
कैसा, ये जादू
ये मौसम का जादू है मितवा
ना अब दिल पे काबू है मितवा
नैना जिसमें खो गए, दीवाने से हो गए
नजारा वो हरसू है मितवा
ये मौसम का जादू...
सहरी बाबु के संग, मेम गोरी गोरी हे
ऐसे लागे जैसे, चंदा की चकोरी
फूलों कलियों की बहारें, चंचल ये हवाओं की पुकारें
हमको ये इशारों में कहे हम, थम के यहाँ घड़ियाँ गुजारें
पहले कभी तो ना हमसे, बतियाते थे ऐसे फुलवा
ये मौसम का जादू...
सच्ची सच्ची बोलना भेद ना छुपाना
कौन डगर से आये, कौन दिसा है जाना
इनको हम ले के चले हैं, अपने संग अपनी नगरिया
हाय रे संग अनजाने का, उस पर अनजान डगरिया
फिर कैसे तुम दूर इतने, संग आ गयी मेरी गोरिया
ये मौसम का जादू...
Music By: राम लक्ष्मण
Lyrics By: रविंदर रावल
Performed By: लता मंगेशकर, एस.पी.बालासुब्रमन्यम
ठंडी ठंडी पुरवैया में उड़ती है चुनरिया
धड़के मोरा जिया रामा बाली है उमरिया
दिल पे, नहीं काबू
कैसा, ये जादू
ये मौसम का जादू है मितवा
ना अब दिल पे काबू है मितवा
नैना जिसमें खो गए, दीवाने से हो गए
नजारा वो हरसू है मितवा
ये मौसम का जादू...
सहरी बाबु के संग, मेम गोरी गोरी हे
ऐसे लागे जैसे, चंदा की चकोरी
फूलों कलियों की बहारें, चंचल ये हवाओं की पुकारें
हमको ये इशारों में कहे हम, थम के यहाँ घड़ियाँ गुजारें
पहले कभी तो ना हमसे, बतियाते थे ऐसे फुलवा
ये मौसम का जादू...
सच्ची सच्ची बोलना भेद ना छुपाना
कौन डगर से आये, कौन दिसा है जाना
इनको हम ले के चले हैं, अपने संग अपनी नगरिया
हाय रे संग अनजाने का, उस पर अनजान डगरिया
फिर कैसे तुम दूर इतने, संग आ गयी मेरी गोरिया
ये मौसम का जादू...
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