Movie/Album: दोस्ती (1964)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
कोई जब राह न पाए, मेरे संग आए
के पग-पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
जीवन का यही है दस्तूर
प्यार बिना अकेला मजबूर
दोस्ती को माने तो सब दुख दूर
कोई काहे ठोकर खाए
मेरे संग आए...
दोनो के हैं, रूप हज़ार
पर मेरी सुने जो संसार
दोस्ती है भाई, तो बहना है प्यार
कोई मत चैन चुराए
मेरे संग आए...
प्यार का है, प्यार ही नाम
कहीं मीरा, कहीं घनश्याम
दोस्ती का यारो नहीं कोई दाम
कोइ कहीं दूर ना जाए
मेरे संग आए...
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
कोई जब राह न पाए, मेरे संग आए
के पग-पग दीप जलाए
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
जीवन का यही है दस्तूर
प्यार बिना अकेला मजबूर
दोस्ती को माने तो सब दुख दूर
कोई काहे ठोकर खाए
मेरे संग आए...
दोनो के हैं, रूप हज़ार
पर मेरी सुने जो संसार
दोस्ती है भाई, तो बहना है प्यार
कोई मत चैन चुराए
मेरे संग आए...
प्यार का है, प्यार ही नाम
कहीं मीरा, कहीं घनश्याम
दोस्ती का यारो नहीं कोई दाम
कोइ कहीं दूर ना जाए
मेरे संग आए...
0 comments:
Post a Comment