Movie/Album: साथिया (2002)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: आशा भोंसले, कार्तिक, ब्लाज़
चोरी पे चोरी, चोरी पे चोरी, एक डकैती और सीना जोरी
चोरी पे चोरी, चोरी पे चोरी, हाथ पकड़ के उंगली मरोड़ी
तौबा तौबा...
चोरी पे चोरी, चोरी पे चोरी, कट्ठे की चुटकी चूने की बोरी
झूठी जहान की, आफत है जान की, एक डकैती और सीना जोरी
तौबा तौबा...
दोस्तों, बार बार तोड़ने की बात भी पुरानी हो गयी
रात रात भर का इन्तजार भी कहानी हो गयी
दिन का जलते रहना दोस्त अब तो जिंदगानी हो गयी
इक रात मिलने की, बाकी सुलगने की, सावन नहीं है कहीं
दो-तीन लहरे है, बाकी समंदर है, साहिल नहीं है कहीं
दो गज की कश्ती, मीलों समंदर है
डूब डूब के जाना होगा मीलों समंदर है वहाँ
चोरी पे चोरी...
दोस्तों, इक ख़याल के बगल में कैसे सारी ज़िन्दगी गुजार दें
बने तो हम तेरे ख़याल को लिबास की तरह उतार दें
इश्क विश्क का खुमार भी उतार दीजिये ज़रा
जाने भी दो यार, कैसे निभेगी, कैसे गुज़र होगा
ये --- के फेरे, ये --- के चक्कर, प्यार भंवर होगा
दो गज की कश्ती, मीलों समंदर है
डूब डूब के जाना होगा मीलों समंदर है जहाँ
चोरी पे चोरी...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: आशा भोंसले, कार्तिक, ब्लाज़
चोरी पे चोरी, चोरी पे चोरी, एक डकैती और सीना जोरी
चोरी पे चोरी, चोरी पे चोरी, हाथ पकड़ के उंगली मरोड़ी
तौबा तौबा...
चोरी पे चोरी, चोरी पे चोरी, कट्ठे की चुटकी चूने की बोरी
झूठी जहान की, आफत है जान की, एक डकैती और सीना जोरी
तौबा तौबा...
दोस्तों, बार बार तोड़ने की बात भी पुरानी हो गयी
रात रात भर का इन्तजार भी कहानी हो गयी
दिन का जलते रहना दोस्त अब तो जिंदगानी हो गयी
इक रात मिलने की, बाकी सुलगने की, सावन नहीं है कहीं
दो-तीन लहरे है, बाकी समंदर है, साहिल नहीं है कहीं
दो गज की कश्ती, मीलों समंदर है
डूब डूब के जाना होगा मीलों समंदर है वहाँ
चोरी पे चोरी...
दोस्तों, इक ख़याल के बगल में कैसे सारी ज़िन्दगी गुजार दें
बने तो हम तेरे ख़याल को लिबास की तरह उतार दें
इश्क विश्क का खुमार भी उतार दीजिये ज़रा
जाने भी दो यार, कैसे निभेगी, कैसे गुज़र होगा
ये --- के फेरे, ये --- के चक्कर, प्यार भंवर होगा
दो गज की कश्ती, मीलों समंदर है
डूब डूब के जाना होगा मीलों समंदर है जहाँ
चोरी पे चोरी...
0 comments:
Post a Comment