Movie/Album: दोस्ती (1964)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
देख मुझे सब है पता
सुनता है तू मन की सदा
मितवा, मेरे यार तुझको बार-बार
आवाज़ मैं ना दूँगा...
दर्द भी तू, चैन भी तू
दरस भी तू, नैन भी तू
मितवा, मेरे यार तुझको बार-बार
आवाज़ मैं ना दूँगा...
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
देख मुझे सब है पता
सुनता है तू मन की सदा
मितवा, मेरे यार तुझको बार-बार
आवाज़ मैं ना दूँगा...
दर्द भी तू, चैन भी तू
दरस भी तू, नैन भी तू
मितवा, मेरे यार तुझको बार-बार
आवाज़ मैं ना दूँगा...
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