Movie/Album: बरसात की रात (1960)
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अन्जान हसीना से मुलाक़ात की रात
हाय वो रेशमी जुल्फ़ों से बरसता पानी
फूल से गालों पे रुकने को तरसता पानी
दिल में तूफ़ान उठाते हुए जज़्बात की रात
ज़िन्दगी भर...
डर के बिजली से अचानक वो लिपटना उसका
और फिर शर्म से बलखा के सिमटना उसका
कभी देखी न सुनी ऐसी तिलिस्मात की रात
ज़िन्दगी भर...
सुर्ख आँचल को दबाकर जो निचोड़ा उसने
दिल पर जलता हुआ एक तीर सा छोड़ा उसने
आग पानी में लगाते हुए हालात की रात
ज़िन्दगी भर...
मेरे नगमों में जो बसती है वो तस्वीर थी वो
नौजवानी के हसीं ख्वाब की ताबीर थी वो
आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात
ज़िन्दगी भर...
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी
ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अन्जान हसीना से मुलाक़ात की रात
हाय वो रेशमी जुल्फ़ों से बरसता पानी
फूल से गालों पे रुकने को तरसता पानी
दिल में तूफ़ान उठाते हुए जज़्बात की रात
ज़िन्दगी भर...
डर के बिजली से अचानक वो लिपटना उसका
और फिर शर्म से बलखा के सिमटना उसका
कभी देखी न सुनी ऐसी तिलिस्मात की रात
ज़िन्दगी भर...
सुर्ख आँचल को दबाकर जो निचोड़ा उसने
दिल पर जलता हुआ एक तीर सा छोड़ा उसने
आग पानी में लगाते हुए हालात की रात
ज़िन्दगी भर...
मेरे नगमों में जो बसती है वो तस्वीर थी वो
नौजवानी के हसीं ख्वाब की ताबीर थी वो
आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात
ज़िन्दगी भर...
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