Movie/Album : मेरे सनम (1965)
Music By : ओमकार प्रसाद नैय्यर Lyrics By : मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By : मो.रफ़ी
पुकारता चला हूँ मैं
गली-गली बहार की
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की
बस इक निगाह प्यार की
पुकारता...
ये दिल्लगी ये शोखियाँ सलाम की
यही तो बात हो रही है काम की
कोई तो मुड़ के देख लेगा इस तरफ़
कोई नज़र तो होगी मेरे नाम की
पुकारता...
सुनी मेरी सदा तो किस यक़ीन से
घटा उतर के आ गयी ज़मीन पे
रही यही लगन तो ऐ दिल-ए-जवाँ
असर भी हो रहेगा इक हसीन पे
पुकारता...
Performed By : मो.रफ़ी
पुकारता चला हूँ मैं
गली-गली बहार की
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की
बस इक निगाह प्यार की
पुकारता...
ये दिल्लगी ये शोखियाँ सलाम की
यही तो बात हो रही है काम की
कोई तो मुड़ के देख लेगा इस तरफ़
कोई नज़र तो होगी मेरे नाम की
पुकारता...
सुनी मेरी सदा तो किस यक़ीन से
घटा उतर के आ गयी ज़मीन पे
रही यही लगन तो ऐ दिल-ए-जवाँ
असर भी हो रहेगा इक हसीन पे
पुकारता...
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