Movie/Album : दो बदन (1966)
Music By : रवि
Lyrics By : शकील बदायुनी
Performed By : लता मंगेशकर
लो आ गयी उनकी याद,
वो नहीं आये
दिल उनको ढूंढता है, ग़म का श्रृंगार कर के
आँखें भी थक गयीं हैं, अब इंतज़ार कर के
इक सांस रह गयी है, वो भी न टूट जाये
लो आ...
रोती है आज हम पर, तन्हाईयाँ हमारी
वो भी न पाये शायद, परछाइयाँ हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं, मायूसियों के साये
लो आ...
लौ थरथरा रही है, अब शम्म-ए-ज़िन्दगी की
उजड़ी हुई मुहब्बत, मेहमाँ है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे, जी कर तो मिल न पाये
लो आ...
Music By : रवि
Lyrics By : शकील बदायुनी
Performed By : लता मंगेशकर
लो आ गयी उनकी याद,
वो नहीं आये
दिल उनको ढूंढता है, ग़म का श्रृंगार कर के
आँखें भी थक गयीं हैं, अब इंतज़ार कर के
इक सांस रह गयी है, वो भी न टूट जाये
लो आ...
रोती है आज हम पर, तन्हाईयाँ हमारी
वो भी न पाये शायद, परछाइयाँ हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं, मायूसियों के साये
लो आ...
लौ थरथरा रही है, अब शम्म-ए-ज़िन्दगी की
उजड़ी हुई मुहब्बत, मेहमाँ है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे, जी कर तो मिल न पाये
लो आ...
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