Movie/Album: सरस्वती चन्द्र (1968)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: लता मंगेशकर, मुकेश
चन्दन सा बदन, चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जगवालों
हो जाऊं अगर मैं दीवाना
(हो जाए अगर दिल दीवाना)
ये काम कमान भंवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए
आबाद हो दिल का वीराना
चन्दन सा बदन...
तन भी सुन्दर, मन भी सुन्दर
तू सुन्दरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत जरुरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ (दिल तरसा है)
तू और ना दिल को तरसाना
चन्दन सा बदन...
ये विशाल नयन, जैसे नील गगन
पंछी की तरह खो जाऊ मैं
सिरहाना जो हो तेरी बाहों का
अंगारों पे सो जाऊं मैं
मेरा बैरागी मन डोल गया
देखी जो अदा तेरी मस्ताना
चन्दन सा बदन...
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: लता मंगेशकर, मुकेश
चन्दन सा बदन, चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जगवालों
हो जाऊं अगर मैं दीवाना
(हो जाए अगर दिल दीवाना)
ये काम कमान भंवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए
आबाद हो दिल का वीराना
चन्दन सा बदन...
तन भी सुन्दर, मन भी सुन्दर
तू सुन्दरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत जरुरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ (दिल तरसा है)
तू और ना दिल को तरसाना
चन्दन सा बदन...
ये विशाल नयन, जैसे नील गगन
पंछी की तरह खो जाऊ मैं
सिरहाना जो हो तेरी बाहों का
अंगारों पे सो जाऊं मैं
मेरा बैरागी मन डोल गया
देखी जो अदा तेरी मस्ताना
चन्दन सा बदन...
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