Movie/Album: अराउंड द वर्ल्ड (1967)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: शारदा राजन इयेंगर, मुकेश
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना ज़रा...
अभी आए हो बैठो तो, ये मौसम भी सुहाना है
अभी तो हाल-ए-दिल तुमको निगाहों से सुनाना है
नज़र प्यासी, ये दिल प्यासा
किसी का दम...
हसीं झरनों के साये में, अकेला छोड़ जाते हो
हमारे दिल को आख़िर किसलिए तुम तोड़ जाते हो
ज़रा दम लो, कहा मानो
किसी का दम...
हमारी जान हो तुम भी, अगर चल दीं तो फ़िर क्या है
तुम्हारे बिन, बहारों में, ख़ुशी क्या है, मज़ा क्या है
ओ जान-ए-मन न जाओ तुम
किसी का दम...
क़सम खाती हूँ मैं अपनी, तुम्हें अब ना सताऊँगी
तुम्हारी बात जो भी हो, वही मैं मान जाऊँगी
भरी आँखें, रुकी सासें
किसी का दम...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: शारदा राजन इयेंगर, मुकेश
चले जाना ज़रा ठहरो
किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
चले जाना ज़रा...
अभी आए हो बैठो तो, ये मौसम भी सुहाना है
अभी तो हाल-ए-दिल तुमको निगाहों से सुनाना है
नज़र प्यासी, ये दिल प्यासा
किसी का दम...
हसीं झरनों के साये में, अकेला छोड़ जाते हो
हमारे दिल को आख़िर किसलिए तुम तोड़ जाते हो
ज़रा दम लो, कहा मानो
किसी का दम...
हमारी जान हो तुम भी, अगर चल दीं तो फ़िर क्या है
तुम्हारे बिन, बहारों में, ख़ुशी क्या है, मज़ा क्या है
ओ जान-ए-मन न जाओ तुम
किसी का दम...
क़सम खाती हूँ मैं अपनी, तुम्हें अब ना सताऊँगी
तुम्हारी बात जो भी हो, वही मैं मान जाऊँगी
भरी आँखें, रुकी सासें
किसी का दम...
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