Music By: मेहदी हसन (नट भैरव)
Lyrics By: रज़ा
Performed By: मेहदी हसन
जो चाहते हो, सो कहते हो
चुप रहने की लज्ज़त क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है प्यारे
तुम राज़-ए-मुहब्बत क्या जानो
अलफ़ाज़ कहाँ से लाऊँ मैं
छाले की टपक समझाने को
इज़हार-ए-मुहब्बत करते हो
एहसास-ए-मुहब्बत क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है...
क्या हुस्न की भीख भी होती है
जब चुटकी-चुटकी जुडती है
हम अहल-ए-गरज़ जाने इसको
तुम साहिब दौलत क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है...
है फर्क बड़ा ऐ जान-ए-रज़ा
दिल देने में, दिल लेने में
उल्फत का तआल्लुक जानके भी
रिश्ते की नज़ाकत क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है...
Lyrics By: रज़ा
Performed By: मेहदी हसन
जो चाहते हो, सो कहते हो
चुप रहने की लज्ज़त क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है प्यारे
तुम राज़-ए-मुहब्बत क्या जानो
अलफ़ाज़ कहाँ से लाऊँ मैं
छाले की टपक समझाने को
इज़हार-ए-मुहब्बत करते हो
एहसास-ए-मुहब्बत क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है...
क्या हुस्न की भीख भी होती है
जब चुटकी-चुटकी जुडती है
हम अहल-ए-गरज़ जाने इसको
तुम साहिब दौलत क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है...
है फर्क बड़ा ऐ जान-ए-रज़ा
दिल देने में, दिल लेने में
उल्फत का तआल्लुक जानके भी
रिश्ते की नज़ाकत क्या जानो
ये राज़-ए-मुहब्बत है...
0 comments:
Post a Comment