Labels

About Me

सतरंगी रे - Satrangi Re (Sonu Nigam, Dil Se)

| Wednesday, July 25, 2012 |

Movie/Album: दिल से (1998)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: सोनू निगम, कविता कृष्णमूर्ती

तू ही तू, तू ही तू सतरंगी रे
तू ही तू, तू ही तू मनरंगी रे

दिल का साया हमसाया
सतरंगी रे, मनरंगी रे
कोई नूर है तू, क्यों दूर है तू
जब पास है तू, एहसास है तू
कोई ख्वाब है या परछाई है
सतरंगी रे, सतरंगी रे
इस बार बता, मुंहज़ोर हवा, ठहरेगी कहाँ

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
जो लगाये न लगे और बुझाये न बुझे

आँखों ने कुछ ऐसे छुआ, हल्का हल्का उन्स हुआ
हल्का हल्का उन्स हुआ, दिल को महसूस हुआ
तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी खुशबू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू, आरज़ू
तेरी जिस्म की आँच को छूते ही
मेरे साँस सुलगने लगते हैं
मुझे इश्क़ दिलासे देता है
मेरे दर्द बिलखने लगते हैं

तू ही तू, तू ही तू, जीने की सारी खुश्बू
तू ही तू, तू ही तू, आरज़ू आरज़ू
छूती है मुझे सरगोशी से
आँखों में घुली खामोशी से
मैं फ़र्श पे सजदे करता हूँ
कुछ होश में, कुछ बेहोशी से
दिल का साया हमसाया...

तेरी राहों में उलझा-उलझा हूँ
तेरी बाहों में उलझा-उलझा
सुलझाने दे होश मुझे, तेरी चाहों में उलझा हूँ
मेरा जीना जुनूँ, मेरा मरना जुनूँ
अब इसके सिवा नहीं कोई सुकूँ
तू ही तू...
इश्क़ पर ज़ोर...

मुझे मौत की गोद में सोने दे
तेरी रूह में जिस्म डबोने दे
सतरंगी रे, मनरंगी रे


0 comments:

Post a Comment

Labels

Blog Archive