Movie/Album: भीगी रात (1965)
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफी
दिल जो न कह सका
वही राज़-ए-दिल कहने की रात आई
दिल जो न कह सका
तौबा ये किस ने अंजुमन सजा के
टुकड़े किये हैं गुंच-ए-वफ़ा के
उछालो गुलों के टुकड़े
के रंगीं फ़िज़ाओं में रहने की रात आई
दिल जो न कह सका...
चलिये मुबारक ये जश्न दोस्ती का
दामन तो थामा आपने किसी का
हमें तो खुशी यही है
तुम्हें भी किसी को अपना कहने की रात आई
दिल जो न कह सका...
सागर उठाओ दिल का किस को ग़म है
आज दिल की क़ीमत जाम से भी कम है
पियो चाहे खून-ए-दिल हो
के पीते पिलाते ही रहने की रात आई
दिल जो न कह सका...
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफी
दिल जो न कह सका
वही राज़-ए-दिल कहने की रात आई
दिल जो न कह सका
तौबा ये किस ने अंजुमन सजा के
टुकड़े किये हैं गुंच-ए-वफ़ा के
उछालो गुलों के टुकड़े
के रंगीं फ़िज़ाओं में रहने की रात आई
दिल जो न कह सका...
चलिये मुबारक ये जश्न दोस्ती का
दामन तो थामा आपने किसी का
हमें तो खुशी यही है
तुम्हें भी किसी को अपना कहने की रात आई
दिल जो न कह सका...
सागर उठाओ दिल का किस को ग़म है
आज दिल की क़ीमत जाम से भी कम है
पियो चाहे खून-ए-दिल हो
के पीते पिलाते ही रहने की रात आई
दिल जो न कह सका...
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