Movie/Album: खामोशी (1969)
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर
हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं
एक ख़ामोशी है, सुनती है, कहा करती है
न ये बुझती है, न रुकती है, न ठहरी है कहीं
नूर की बूँद है सदियों से बहा करती है
सिर्फ एहसास...
मुस्कुराहट सी खिली रहती है आँखों में कहीं
और पलकों पे उजाले से झुके रहते हैं
होंठ कुछ कहते नहीं, काँपते होंठों पे मगर
कितने ख़ामोश से अफ़साने रुके रहते हैं
सिर्फ़ एहसास...
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर
हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं
एक ख़ामोशी है, सुनती है, कहा करती है
न ये बुझती है, न रुकती है, न ठहरी है कहीं
नूर की बूँद है सदियों से बहा करती है
सिर्फ एहसास...
मुस्कुराहट सी खिली रहती है आँखों में कहीं
और पलकों पे उजाले से झुके रहते हैं
होंठ कुछ कहते नहीं, काँपते होंठों पे मगर
कितने ख़ामोश से अफ़साने रुके रहते हैं
सिर्फ़ एहसास...
0 comments:
Post a Comment