Movie/Album: मर्डर २ (2011)
Music By: हर्षित सक्सेना
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: हर्षित सक्सेना
ऐ काश, काश यूँ होता
हर शाम, साथ तू होता
चुप चाप, दिल ना यूँ रोता
हर शाम, साथ तू होता
गुज़ारा हो तेरे, बिन गुज़ारा
अब मुश्किल है लगता
नज़ारा हो तेरा, ही नज़ारा
अब हर दिन है लगता
हाल-ए-दिल तुझको सुनाता
दिल अगर ये बोल पाता
बाखुदा तुझको है जाता जां
तेरे संग जो पल बिताता
वक़्त से मैं वो मांग लाता
याद करके मुस्कुराता
तू मेरी राह का सितारा
तेरे बिना हूँ मैं आवारा
जब भी तन्हाई ने सताया
तुझको बे साखता पुकारा
चाहते है मेरी ला फ़ना
पर मेरी जां दिल में हूँ रखता
हाल-ए-दिल...
ख्वाबों का कब तक लूं सहारा
अब तो तू आ भी जा खुदारा
मेरी ये दोनों पागल आँखें
हर पल मांगे तेरा नज़ारा
समझाऊं इनको किस तरह
इनपे मेरा बस नहीं चलता
हाल-ए-दिल...
Music By: हर्षित सक्सेना
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: हर्षित सक्सेना
ऐ काश, काश यूँ होता
हर शाम, साथ तू होता
चुप चाप, दिल ना यूँ रोता
हर शाम, साथ तू होता
गुज़ारा हो तेरे, बिन गुज़ारा
अब मुश्किल है लगता
नज़ारा हो तेरा, ही नज़ारा
अब हर दिन है लगता
हाल-ए-दिल तुझको सुनाता
दिल अगर ये बोल पाता
बाखुदा तुझको है जाता जां
तेरे संग जो पल बिताता
वक़्त से मैं वो मांग लाता
याद करके मुस्कुराता
तू मेरी राह का सितारा
तेरे बिना हूँ मैं आवारा
जब भी तन्हाई ने सताया
तुझको बे साखता पुकारा
चाहते है मेरी ला फ़ना
पर मेरी जां दिल में हूँ रखता
हाल-ए-दिल...
ख्वाबों का कब तक लूं सहारा
अब तो तू आ भी जा खुदारा
मेरी ये दोनों पागल आँखें
हर पल मांगे तेरा नज़ारा
समझाऊं इनको किस तरह
इनपे मेरा बस नहीं चलता
हाल-ए-दिल...
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