Movie/Album: मेरे हमदम मेरे दोस्त (1968)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
हुई शाम उनका ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया
अभी तक तो होंठों पे था
तबस्सुम का एक सिलसिला
बहुत शादमाँ थे हम उनको भूला कर
अचानक ये क्या हो गया
के चहरे पे रंग-ए-मलाल आ गया
हुई शाम उनका...
हमें तो यही था ग़ुरूर
ग़म-ए-यार है हमसे दूर
वही ग़म जिसे हमने किस-किस जतन से
निकाला था इस दिल से दूर
वो चलकर क़यामत की चाल आ गया
हुई शाम उनका...
हुई शाम उनका ख़याल - Hui Shaam Unka Khayal (Md.Rafi)
Posted by
Aa'
|
Sunday, July 17, 2011
|
Labels:
1968,
H,
Lakshmikant Pyarelal,
Majrooh Sultanpuri,
Md.Rafi,
Mere Humdum Mere Dost,
Romantic Songs
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment