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खिलते हैं गुल यहाँ - Khilte Hain Gul Yahan (Kishore Kumar)

| Wednesday, November 14, 2012 |

Movie/Album: शर्मीली (1971)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: नीरज
Performed By: किशोर कुमार

खिलते हैं गुल यहाँ, खिल के बिखरने को
मिलते हैं दिल यहाँ, मिल के बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ...

कल रहे ना रहे, मौसम ये प्यार का
कल रुके न रुके, डोला बहार का
चार पल मिले जो आज, प्यार में गुज़ार दे
खिलते हैं गुल यहाँ...

झीलों के होंठों पर, मेघों का राग है
फूलों के सीने में, ठंडी-ठंडी आग है
दिल के आइने में तू, ये समां उतार दे
खिलते हैं गुल यहाँ...

प्यासा है दिल सनम, प्यासी ये रात है
होंठों मे दबी-दबी, कोई मीठी बात है
इन लम्हों पे आज तू, हर खुशी निसार दे
खिलते हैं गुल यहाँ...


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