Movie/Album: गुरु (2007)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अलका याग्निक, हरिहरन
ऐ हैरते आशिकी जगा मत
पैरों से ज़मीं, ज़मीं लगा मत
दमदारा दमदारा चश्म-चश्म नम
दमदारा दमदारा चश्म-चश्म नम
सुन मेरे हमदम
हमेशा इश्क में ही जीना
क्यों उर्दू, फारसी बोलते
दस कहते हो, दो तौलते हो
झूठों के शहनशाह बोलो ना
कभी झाँकों, मेरी ऑंखें
सुनाये इक दास्ताँ
जो होठों से खोलो ना
ऐ हैरते आशिकी...
दो चार महीन से लम्हों में
उम्रों के हिसाब भी होते हैं
जिन्हें देखा नहीं कल तक
कहीं भी अब कोख में वो चेहरे बोते है
ऐ हैरते आशिकी...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अलका याग्निक, हरिहरन
ऐ हैरते आशिकी जगा मत
पैरों से ज़मीं, ज़मीं लगा मत
दमदारा दमदारा चश्म-चश्म नम
दमदारा दमदारा चश्म-चश्म नम
सुन मेरे हमदम
हमेशा इश्क में ही जीना
क्यों उर्दू, फारसी बोलते
दस कहते हो, दो तौलते हो
झूठों के शहनशाह बोलो ना
कभी झाँकों, मेरी ऑंखें
सुनाये इक दास्ताँ
जो होठों से खोलो ना
ऐ हैरते आशिकी...
दो चार महीन से लम्हों में
उम्रों के हिसाब भी होते हैं
जिन्हें देखा नहीं कल तक
कहीं भी अब कोख में वो चेहरे बोते है
ऐ हैरते आशिकी...
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