Movie/Album: चलती का नाम गाडी (1958)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार, आशा भोंसले
हाल कैसा है जनाब का
क्या खयाल है आपका
तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ
यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ
बहकी, बहकी, चले है पवन, जो उड़े है तेरा आँचल
छोड़ो, छोड़ो, देखो-देखो गोरे-गोरे काले-काले बादल
कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है
ज़रा नज़र को संभालना
हाल कैसा है जनाब का...
पगली, पगली, कभी तूने सोचा रस्ते में गये मिल क्यों
पगले, पगले, तेरी बातों-बातों में धड़कता है दिल क्यों
कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है
ज़रा नज़र को संभालना
हाल कैसा है जनाब का...
कहो जी, कहो जी, रोज़ तेरे संग यूँ ही दिल बहलायें क्या
सुनो जी, सुनो जी, समझ सको तो खुद समझो बताएं क्या
कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है
ज़रा नज़र को सम्भालना
हाल कैसा है जनाब का...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार, आशा भोंसले
हाल कैसा है जनाब का
क्या खयाल है आपका
तुम तो मचल गये, ओ ओ ओ
यूँ ही फ़िसल गये, आ आ आ
बहकी, बहकी, चले है पवन, जो उड़े है तेरा आँचल
छोड़ो, छोड़ो, देखो-देखो गोरे-गोरे काले-काले बादल
कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है
ज़रा नज़र को संभालना
हाल कैसा है जनाब का...
पगली, पगली, कभी तूने सोचा रस्ते में गये मिल क्यों
पगले, पगले, तेरी बातों-बातों में धड़कता है दिल क्यों
कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है
ज़रा नज़र को संभालना
हाल कैसा है जनाब का...
कहो जी, कहो जी, रोज़ तेरे संग यूँ ही दिल बहलायें क्या
सुनो जी, सुनो जी, समझ सको तो खुद समझो बताएं क्या
कभी कुछ कहती है, कभी कुछ कहती है
ज़रा नज़र को सम्भालना
हाल कैसा है जनाब का...
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