Movie/Album: शर्मीली (1971)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: नीरज
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
बिना ही बात मुस्कुराये रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
ओ री कली, सजा तू डोली
ओ री लहर, पहना तू पायल
ओ री नदी, दिखा तू दर्पण
ओ री किरण, ओढ़ा तू आँचल
इक जोगन है बनी आज दुल्हन
आओ उड़ जाए कहीं बन के पवन
आज मदहोश हुआ जाए रे...
शरारत करने को ललचाये रे...
यहाँ हमें, ज़माना देखे
तो? आओ चलो कहीं छुप जाए.. अच्छा!
भीगा-भीगा नशीला दिन है
कैसे कहो, प्यासे रह पाएं
तू मेरी मैं हूँ तेरा, तेरी कसम
मैं तेरी तू है मेरा, मेरी कसम
आज मदहोश हुआ जाए रे...
शरारत करने को ललचाये रे...
रोम-रोम बहे सुर धारा
अंग-अंग बजे शहनाई
जीवन सारा मिला एक पल में
जाने कैसी घड़ी ये आयी
छू लिया आज मैंने सारा गगन
नाचे मन आज मोरा छूम छनन
आज मदहोश हुआ जाए रे...
शरारत करने को ललचाये रे...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: नीरज
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
बिना ही बात मुस्कुराये रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
ओ री कली, सजा तू डोली
ओ री लहर, पहना तू पायल
ओ री नदी, दिखा तू दर्पण
ओ री किरण, ओढ़ा तू आँचल
इक जोगन है बनी आज दुल्हन
आओ उड़ जाए कहीं बन के पवन
आज मदहोश हुआ जाए रे...
शरारत करने को ललचाये रे...
यहाँ हमें, ज़माना देखे
तो? आओ चलो कहीं छुप जाए.. अच्छा!
भीगा-भीगा नशीला दिन है
कैसे कहो, प्यासे रह पाएं
तू मेरी मैं हूँ तेरा, तेरी कसम
मैं तेरी तू है मेरा, मेरी कसम
आज मदहोश हुआ जाए रे...
शरारत करने को ललचाये रे...
रोम-रोम बहे सुर धारा
अंग-अंग बजे शहनाई
जीवन सारा मिला एक पल में
जाने कैसी घड़ी ये आयी
छू लिया आज मैंने सारा गगन
नाचे मन आज मोरा छूम छनन
आज मदहोश हुआ जाए रे...
शरारत करने को ललचाये रे...
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