Movie/Album : धरती (1970)
Music By : शंकर-जयकिशन
Lyrics By : राजिंदर कृषण
Performed By : मो.रफ़ी
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
मुसव्विर खुद परेशां है कि ये तस्वीर किसकी है
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा, कभी खुश हो रहा होगा
खुदा भी...
ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों ने लपेटा है
नहीं तुमसा कोई पहले न कोई दूसरा होगा
ख़ुदा भी...
फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव, जगह वो चूमते होंगे
किसी के दिल पे क्या गुज़री, ये वो ही जानता होगा
खुदा भी...
Music By : शंकर-जयकिशन
Lyrics By : राजिंदर कृषण
Performed By : मो.रफ़ी
खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
मुसव्विर खुद परेशां है कि ये तस्वीर किसकी है
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा, कभी खुश हो रहा होगा
खुदा भी...
ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों ने लपेटा है
नहीं तुमसा कोई पहले न कोई दूसरा होगा
ख़ुदा भी...
फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव, जगह वो चूमते होंगे
किसी के दिल पे क्या गुज़री, ये वो ही जानता होगा
खुदा भी...
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