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एक दिन बिक जाएगा - Ek Din Bik Jaega (Mukesh)

| Thursday, February 7, 2013 |

Movie/Album: धरम करम (1975)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मुकेश

इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल
जग में रह जाएंगे, प्यारे तेरे बोल
दूजे के होंठों को, देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक...

अनहोनी पथ में काँटें लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए
ये बिरहा, ये दूरी, दो पल की मजबूरी
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराये
धारा तो बहती है, बहके रहती है
बहती धारा बन जा, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक...

परदे के पीछे बैठी साँवली गोरी
थाम के तेरे मेरे मन की डोरी
ये डोरी ना छूटे, ये बन्धन ना टूटे
भोर होने वाली है अब रैना है थोड़ी
सर को झुकाए तू, बैठा क्या है यार
गोरी से नैना जोड़, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक...


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