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महबूब मेरे, महबूब मेरे - Mehboob Mere, Mehboob Mere (Mukesh)

| Monday, January 21, 2013 |

Movie/Album: पत्थर के सनम (1968)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मुकेश, लता मंगेशकर

महबूब मेरे, महबूब मेरे
तु है तु दुनिया कितनी हसीं है
जो तु नहीं तो, कुछ भी नहीं है

तु हो तो बढ़ जाती है कीमत मौसम की
ये जो तेरी आँखें हैं शोला शबनम की
यहीं मरना भी है मुझको, मुझे जीना भी यहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे...

अरमां किसको जन्नत की रंगीं गलियों का
मुझको तेरा दामन है बिस्तर कलियों का
जहाँ पर हैं तेरी बाहें, मेरी जन्नत भी वहीँ है
महबूब मेरे, महबूब मेरे...

रख दे मुझको तु अपना दीवाना कर के
नजदीक आ जा फिर देखूं तुझको जी भर के
मेरे जैसे होंगे लाखों, कोई भी तुझसा नहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे...


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