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वो भूली दास्ताँ - Wo Bhooli Daastan (Lata Mangeshkar)

| Friday, June 15, 2012 |

Movie/Album: संजोग (1971)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: लता मंगेशकर

वो भूली दास्ताँ लो फिर याद आ गई
नज़र के सामने घटा सी छा गयी
वो भूली दास्ताँ...

कहाँ से फिर चले आये, ये कुछ भटके हुए साये
ये कुछ भूले हुए नग़मे, जो मेरे प्यार ने गाये
ये कुछ बिछड़ी हुई यादें, ये कुछ टूटे हुए सपने
पराये हो गये तो क्या, कभी ये भी तो थे अपने
न जाने इनसे क्यों मिलकर, नज़र शर्मा गयी
वो भूली दास्ताँ...

उम्मीदों के हँसी मेले, तमन्नाओं के वो रेले
निगाहों ने निगाहों से, अजब कुछ खेल से खेले
हवा में ज़ुल्फ़ लहराई, नज़र पे बेखुदी छाई
खुले थे दिल के दरवाज़े, मुहब्बत भी चली आई
तमन्नाओं की दुनिया पर, जवानी छा गयी
वो भूली दास्ताँ...

बड़े रंगीं ज़माने थे, तराने ही तराने थे
मगर अब पूछता है दिल, वो दिन थे या फ़साने थे
फ़क़त इक याद है बाकी, बस इक फ़रियाद है बाकी
वो खुशियाँ लुट गयी लेकिन, दिल-ए-बरबाद है बाकी
कहाँ थी ज़िन्दगी मेरी, कहाँ पर आ गयी
वो भूली दास्ताँ...


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