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देखा है ऐसे भी - Dekha Hai Aise Bhi (Lucky Ali, Sifar)

| Sunday, September 16, 2012 |

Movie/Album: सिफर (1998)
Music By: लकी अली
Lyrics By: स्येद असलम नूर
Performed By: लकी अली

घर को मैं निकला, तन्हां अकेला
साथ मेरे कौन है, यार है मेरा
जो भी करना था, कर आ गया मैं
प्यार को ही मानते, चलते जाना
देखा है ऐसे भी, किसी को ऐसे ही
अपने भी दिल में बसाये हुए कुछ इरादे हैं
दिल के किसी कोने में भी कुछ ऐसे ही वादे हैं
इनको लिए जब हम चले, नज़ारे भी हमसे मिले
देखा है ऐसे भी...

हँसते हँसाते यूँ सब को मनाते हम जायेंगे
बरसों की दूरी को मिलके हम साथ मिटायेंगे
प्यार रहे उनके लिए, जो ढूंढे वो उनको मिले

थोड़ा सा गरज है, थोड़ी सी समझ है
चाहतों के दायरे में इतना फ़रज़ है
कोई कहता है, कि घर आ गया है
आरज़ू भी अर्ज़ है, पढ़ते जाना
देखा है ऐसे भी...
दिल के झरोखों में अब भी मोहब्बत के साये हैं
रह जाएँ जो बाद में भी हमारे वो पाए हैं
इनके लिए अब तक चलें, हज़ारों में हम भी मिले


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